सुखद व सुरक्षित जीवन जीने के लिए आपको आपके दैनिक जीवन में हमेशा वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना चाहिए। घर का डिजाइन, कस्बों, गांवों, बगीचों, राजमार्गों, जलमार्गों, शौचालय, दुकानों, कार्यस्थलों, कारखानों को वास्तु शास्त्र के अनुसार ही होना चाहिए। ऐसा करने पर इन सभी चीजों का आपके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जिसकी वजह से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आ सकती है। ऐसे में आप भी अपने जीवन में सुख-शांति पाने के लिए आज ही एस्ट्रोसेज एआई से जुड़े और भारत के सबसे अनुभवी और विद्वान वास्तु सलाहकार से बात करें।
= वास्तु शास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है जिसका विकास हमारे ऋषि-मुनियों ने अपने ज्ञान के बल पर हमारे और आपके जीवन को आसान बनाने के लिए किया। इस शास्त्र की उत्पत्ति अथर्ववेद से हुई है। दुनिया भर में हिंदू और बौद्ध धर्म के अनुयायियों की वास्तु शास्त्र में आस्था है और वह इस शास्त्र के विज्ञान पर भरोसा करते हैं। वे अपनी इमारतों को शांतिपूर्ण और लाभदायक बनाने के लिए वास्तु शास्त्र के नियम व दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं।
अपने घर, कार्यस्थल, कारखाने, भूमि और अन्य वस्तुओं को वास्तु शास्त्र के नियमों के आधार पर व्यवस्थित करने के लिए आपको एक अनुभवी वास्तु सलाहकार के दिशा-निर्देशों की आवश्यकता होती है। ऑनलाइन माध्यम से आपको इन सभी चीजों की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकती है। एस्ट्रोसेज पर आपको भारत के हर हिस्से में और आपकी अपनी क्षेत्रीय भाषा में वास्तु सलाहकार परामर्श देंगे। इसलिए इंटरनेट पर अपने सवालों के आधे-अधूरे और असपष्ट जवाब ढूंढने के बजाय एस्ट्रोसेज एआई से जुड़े और एक अच्छे वास्तु सलाहकार या फेंगशुई सलाहकार से बात करें। एस्ट्रोसेज पर आपको घर के वास्तु और कार्यालय के वास्तु से संबंधित सभी तरह के सवालों का समाधान प्राप्त होगा। यदि आप भी अपने घर या ऑफिस को फेंगशुई के आधार पर रखना चाहते है तो आज ही एस्ट्रोसेज एआई के अनुभवी वास्तु विशेषज्ञों से सलाह प्राप्त करें। For
ऐसा माना जाता है कि एक भवन निर्माण की प्रक्रिया को हमेशा वास्तु शास्त्र के नियमों के हिसाब से ही होना चाहिए क्योंकि उस भवन में वास्तु के आधार पर सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। यदि भवन निर्माण का कार्य वास्तु सलाहकार की सलाह के आधार पर किया जाता है तो उस भवन में रहने वाले जातकों का जीवन सुख, शांति और सकारात्मकता से भर जाता है। वहीं यदि किसी भवन में वास्तु दोष है तो उस भवन में रहने वाले जातकों को संघर्ष, पीड़ा और नकारात्मकता का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र इंजीनियरिंग की तरह ही तार्किक है।
वास्तु का मतलब केवल भवन में परिवर्तन करना नहीं है बल्कि उस भवन में मौजूद वस्तुओं की व्यवस्था, आकार, रंग या उनके स्थान में परिवर्तन करना भी, इसका एक प्रमुख हिस्सा है। घर का रंग भी वास्तु को प्रभावित कर सकता है तो अपने घर को एक सुखद और शांतिपूर्ण जगह बनाने के लिए आपको एक वास्तु सलाहकार से जरूर बात करनी चाहिए। एक मुफ्त ऑनलाइन वास्तु परामर्श प्राप्त करने से बेहतर अवसर और क्या ही हो सकता है? ऐसे में आज ही हमें फोन करें और अपने सवालों के जवाब पाएं। एस्ट्रोसेज पर आपको भारत के कई अनुभवी वास्तु सलाहकार मिलेंगे। ऊपर दी गई लिस्ट के आधार पर आप अपने पसंदीदा वास्तु विशेषज्ञ के साथ जुड़ें और उनसे मुफ्त परामर्श प्राप्त करें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार ब्रह्मांड में रचनात्मक ऊर्जाएं हैं जो हमारे जीवन को प्रभावित करने में सक्षम हैं। ऊर्जा दो स्रोतों यानी कि पंचतत्व/पंचभूत (वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी, अंतरिक्ष) और विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा जो कि पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने की वजह से पैदा होती है, से प्राप्त होती है। जिसकी मदद से व्यक्ति की जरूरतों के आधार पर उस स्थान को डिजाइन किया जाता है। वास्तु शास्त्र के आधार पर घर, कार्यालय, मंदिर, स्कूल, अस्पताल, आदि का निर्माण किया जाता है। अगर यह सभी तत्व अच्छी तरह से संतुलित होते हैं तो उस स्थान पर खुशी और वहां रहने वाले या कार्य करने वाले जातकों के बीच सद्भावना और सौहार्द देखने को मिलता है लेकिन असंतुलन होने की स्थिति में संघर्ष और व्यवधान की स्थिति उत्पन्न होती है, साथ ही सद्भाव और स्थिरता में भी कमी आती है। एस्ट्रोसेज एआई पैनल पर उपलब्ध सभी योग्य और पेशेवर वास्तु सलाहकार इस बात को भली भांति जानते और समझते हैं। हमारे वार्ता वास्तु विशेषज्ञ आपकी हर मौजूदा समस्या को दूर करने में सक्षम हैं।
हर कोई सोचता है कि 'मुफ्त' जैसी कोई चीज नहीं होती। हालांकि यहाँ भी एस्ट्रोसेज सबसे अलग है क्योंकि हम आपसे यह वादा करते हैं कि हमारे योग्य वास्तु विशेषज्ञ आपको मुफ्त वास्तु सलाह प्रदान करेंगे। हम यह भी जानते हैं कि हमारे वास्तु विशेषज्ञों द्वारा दी गई सलाह से आप सहमत, संतुष्ट और प्रसन्न होंगे।
वास्तु दोष को खत्म करने के लिए वास्तु पढ़ने की आवश्यकता होती है। वास्तु को समझने के लिए भूगोल, दिशा, भौतिकी, जलवायु और जमीन की आकृति की गहन समझ होनी चाहिए। आज के शहरीकरण ने हमें वेद,शास्त्र और पुराणों आदि जैसे ज्ञान के प्राचीन व अथाह स्रोत से दूर कर दिया है। प्रकृति और मनुष्य के बीच वास्तु को एक सेतु के रूप में देखा जाता है। यदि किसी जगह पर वास्तु के नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो उस जगह 'वास्तु दोष' उत्पन्न होते हैं। इस दोष के परिणामस्वरूप नौकरी में खुश ना रहना, घर में लगातार झगड़े, कंपनी में परेशानी, चोट, बीमारी आदि जैसी समस्याएं आपके जीवन में उत्पन्न होती हैं।
अगर आप अपने घर को वास्तु दोष से दूर रखना चाहते हैं और इस बात को लेकर चिंतित हैं तो आज ही हमें फोन करें। धोखाधड़ी करने वाले और स्व-घोषित विशेषज्ञों के पीछे अपना समय खर्च करने की आपको कोई जरूरत नहीं है। एस्ट्रोसेज एआई ज्योतिष की दुनिया में विश्वास और भरोसे का नाम है। हमारे वास्तु विशेषज्ञ पूरी तरह से विश्वसनीय और वास्तविक हैं तो आज ही मुफ्त परामर्श पाने के लिए हमारे अनुभवी और विद्वान वास्तु सलाहकारों से संपर्क करें और अपने घर या ऑफिस के लिए उचित व सटीक वास्तु या फेंगशुई सलाह प्राप्त करें।
वास्तु सलाह के आधार पर कमरे में रखी हुई वस्तुओं की जगह बदलकर या अन्य वस्तुओं को घर या ऑफिस में रखकर घर के 'वास्तु दोष' को दूर किया जा सकता है। वास्तु नियमों के आधार पर बनी भवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और ऐसे स्थान स्वतः ही अपनी ओर लोगों को आकर्षित करते हैं। ऐसी जगहों पर रहने वाले लोग सुख और शांति का अनुभव करते हैं। इस तरह के निर्माण शारीरिक, आध्यात्मिक और मानसिक कल्याण के लिए जरूरी हैं। यह तनाव को कम करता है और लोगों के जीवन को सुखद बनाता है। वास्तु उत्पादों जैसे कि पिरामिड, यंत्र, रत्न, क्रिस्टल, पावर प्लेट आदि का उपयोग भी नकारात्मकता को दूर करने के लिए किया जा सकता है।
वार्ता में वास्तु और फेंगशुई दोनों क्षेत्रों के विशेषज्ञों को उनके अनुभव के आधार पर और गहन समीक्षा के बाद ही चयनित किया गया है जो आपको गहराई से मुद्दों की जांच करने के बाद किसी भी समस्या का समाधान देंगे। वो आपकी मदद से आपके घर या कार्यालय के वास्तु दोष को समझ कर, आपको उससे जुड़े सटीक परामर्श देंगे। एस्ट्रोसेज एआई में बहुत ही कम दरों पर आपको पूरी गोपनीयता के साथ सुझाव दिया जाएगा। ऐसे में आप मुफ्त में ऑनलाइन एस्ट्रोसेज एआई के माध्यम से एक योग्य और कुशल वास्तु या फेंगशुई विशेषज्ञ से संपर्क कर के अपने घर या कार्यालय से जुड़े वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं। आज ही वास्तु और फेंगशुई पद्धति के माध्यम से अपनी सभी समस्याओं को दूर करने के लिए एस्ट्रोसेज पर स्वयं को रजिस्टर करें।
एस्ट्रोसेज एआई पर आपको सबसे अच्छे वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ मिलेंगे। जो आपके घर और कार्यालय में सकारात्मकता लाने और उसको आपके लिए अधिक अनुकूल बनाने में वास्तु नियमों के आधार पर सही परामर्श प्रदान करते हैं। तो आज ही मुफ्त में हमारे वास्तु शास्त्र विशेषज्ञों से ऑनलाइन संपर्क करें और अपने घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए उचित व सटीक परामर्श प्राप्त करें। इस अवसर का लाभ उठा कर आज ही घर या कार्यालय में मौजूद वास्तु दोष को दूर करें, जो आपकी खुशी और तरक्की में बाधा बना हुआ है। हमारे वास्तु शास्त्र विशेषज्ञों के पास वास्तु क्षेत्र में कई सालों का अनुभव है और उनके द्वारा दी गई सलाह से देश और विदेश के कई ग्राहक संतुष्ट हो चुके हैं।
हमारी ऑनलाइन वास्तु परामर्श सेवा आपको अपने निवास और कार्यस्थल के लिए सबसे उचित व सटीक सलाह प्रदान करती है।
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पारंपरिक दृष्टिकोण के माध्यम से, गलत संरचना को बदलकर और उसकी जगह पर एक नया निर्माण करके, वास्तु दोषों को ठीक किया जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि उत्तर-पूर्व में शौचालय हो तो ऐसी स्थिति में उस शौचालय को तोड़ना होगा और एक नया शौचालय उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व में बनाना होगा।
अपने स्वयं के पारंपरिक रूपों में वास्तु शास्त्र ने विदेश यात्रा की है। इसे चीन में "फेंगशुई" कहा जाता है। फिर भी फेंगशुई के मानक एक देश के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग है जैसे कि चीन के उत्तरी चीन और दक्षिणी चीन जैसे बड़े क्षेत्रों में इसके मानक अलग हैं।
वास्तु विद्या प्राचीन समय से ही भारत में थी। मान्यताओं के अनुसार दक्षिण भारत में इसकी रचना का श्रेय महान ऋषि मायन को दिया जाता है जबकि उत्तर भारत में भगवान विश्वकर्मा को वास्तु शास्त्र का रचयिता माना जाता है।
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