कभी-कभी कुछ परिस्थितियों के कारण आप में से कई लोगों को अपनी सही जन्मतिथि और समय का पता नहीं होता है और जैसा कि हम जानते हैं कि ज्योतिष की भविष्यवाणी के लिए किसी जातक के जन्म विवरण की जानकारी होना बहुत ही महत्वपूर्ण है। अब सवाल उठता है कि जब किसी जातक के पास जन्म का सही विवरण न हो तो उसे क्या करना चाहिए? कैसे वह अपने मन में उठते सवालों का सही जवाब पाए और कैसे वह स्वयं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करे? अगर आप भी ऐसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो घबराएं नहीं, आपके ऐसे सभी सवालों का जवाब आपको एस्ट्रोसेज पर मिलेगा। यदि आपके पास स्वयं के जन्म का सही विवरण न हो तो आपको किसी नाड़ी ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए। नाड़ी ज्योतिष भविष्यवाणी की एक प्राचीन कला है जिसमें अंगूठे के निशान की मदद से किसी व्यक्ति के जीवन की भविष्यवाणी की जाती हैं। एस्ट्रोसेज वार्ता में, हमारे पास नाड़ी ज्योतिष विशेषज्ञ हैं जिनके पास वर्षों का अनुभव है। अपने किसी भी प्रश्न के लिए, आज ही भारत में सर्वश्रेष्ठ नाड़ी ज्योतिषियों से ऑनलाइन बात करें।
नाड़ी ज्योतिष का उपयोग मानव जीवन से संबंधित सभी प्रकार की भविष्यवाणियों के लिए किया जाता है। फिर चाहे वह करियर हो, शादी हो, स्वास्थ्य हो या कुछ और। पहले ज्योतिष की इस प्रणाली का मुख्य और व्यापक रूप से तमिलनाडु में पालन किया जाता था लेकिन अब इसका प्रयोग पूरे भारत में किया जाता है। एस्ट्रोसेज में हम आपको नाड़ी ज्योतिष रीडिंग द्वारा आपके जीवन की सभी समस्याओं से निजात पाने में आपकी सहायता करते हैं।
नाड़ी शास्त्र को लगभग 2000 साल पहले महर्षियों द्वारा ताड़ के पत्तों पर लिखा गया था। ऐसा माना जाता है कि ऋषि-मुनियों ने सभी मनुष्यों के लिए भविष्यवाणी की और उसे ताड़ के पत्तों पर लिखा। यह भी माना जाता है कि तमिलनाडु के वैथीस्वरन मंदिर में उनमें से कुछ पत्ते आज भी मौजूद हैं। कहा जाता है कि इन भविष्यवाणियों को अगथियार नामक एक संत ने लिखा था।
नाड़ी शास्त्र भी कई अन्य प्राचीन कलाओं और विज्ञानों की तरह संस्कृत में मौजूद था। तमिल राजाओं ने इन सभी ताड़ के पत्तों को बड़े पुस्तकालयों में एकत्र और संरक्षित किया। ये पत्ते अभी भी प्राचीन ऋषियों के द्वारा लिखे गए वो ज्ञान के भंडार हैं जो हमारे लिए खो से गए हैं। वास्तविक कला और विज्ञान संरक्षक तन्जौर के कि शासक ने अपने महल के पुस्तकालय में इन ताड़ के पत्तों के लिए एक जगह निर्धारित करवाई और उन्होंने पंडितों की सहायता से इसका तमिल में अनुवाद कराया। ताड़ के पत्ते जो हमें हमारे पूर्वजों से प्राप्त हुए, उन्हें नाड़ी कहा जाता है। इन ताड़ के पत्तों का उपयोग करके, नाड़ी ज्योतिषी किसी भी जातक के भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में बता सकते हैं। इसमें आपकी संभावित आयु, प्रेम, विवाह, व्यवसाय की स्थिति, शिक्षा, अंतर्राष्ट्रीय अवकाश, वित्तीय स्थिति, भूमि, स्वास्थ्य, पारिवारिक इतिहास और अन्य उपलब्धियों आदि का विवरण शामिल हैं।
चूंकि कई बार जातक के पास उनके जन्म का सही विवरण नहीं होता है, ऐसे में एक नाड़ी ज्योतिषी द्वारा भविष्यवाणी करने से पहले एक व्यक्ति की पहचान के लिए उससे उसकी संभावित जन्म तिथि, जन्म स्थान, कुछ करीबी रिश्तेदारों के नाम, वैवाहिक स्थिति आदि की जानकारी ली जाती है। उसके बाद नाड़ी ज्योतिष परामर्श लेने के दिन से लेकर जातक के जीवन के अंतिम दिन तक की भविष्यवाणी की जाती है। इसमें अतीत यानी कि जन्म तिथि से लेकर पत्ती के अध्ययन के दिन तक की घटनाओं को शामिल नहीं किया जाता है।
यह सब आपको बहुत जटिल लग सकता है लेकिन यह एक बहुत ही भरोसेमंद प्रक्रिया है। आज ही हमारे मुफ़्त ऑनलाइन नाड़ी ज्योतिषी से संपर्क करके अपने बारे में जानें।
नाड़ी ज्योतिष से कई परिवार, व्यवसायी, पेशेवर, प्रसिद्ध व्यक्ति और राजनेता लाभान्वित हुए हैं। इसकी सहायता से आपको आपके अतीत, आपके भविष्य और आपके वर्तमान के बारे में जानकारी प्राप्त होती है और साथ ही आपको अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों जैसे कि आपको शादी करने, अपना घर बनाने, अपना करियर चुनने, खुद को ठीक करने और कई अन्य चीजों के बारे में भी जानकारी व परामर्श प्राप्त होता है।
कभी-कभी आम लोग अपने जीवन की रोज़मर्रा की समस्याओं को लेकर यह सोचते हुए बहुत परेशान और व्यथित हो जाते हैं कि उनका भविष्य कैसा होगा। ऐसे में नाड़ी शास्त्र के माध्यम से हमारे ज्योतिषी आपको आपके जीवन के बारे में ज़रूरी जानकारी प्राप्त करने में मदद करेंगे। एस्ट्रोसेज वार्ता पर अपना निःशुल्क नाड़ी ज्योतिष परामर्श ऑनलाइन प्राप्त करें।
नाड़ी मिलान एक वैवाहिक जीवन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसकी सहायता से बने सही मेल जोड़े को एक सुखी वैवाहिक जीवन और स्वस्थ बच्चों का आश्वासन देते हैं जबकि एक गलत मिलान सम्पूर्ण वैवाहिक जीवन को दुखद बना सकता है। नाड़ी मिलान किसी से रिश्ता जोड़ने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कुण्डली मिलान के 36 बिन्दुओं में से इसमें 8 बिन्दु होते हैं। नाड़ी मिलान लड़के और लड़की के सुखी वैवाहिक जीवन और संतान के विषय में जानने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि अगर लड़का और लड़की एक ही नाड़ी के हों तो शादी और बच्चे के जन्म के बाद उनके बीच अनुकूलता संबंधी समस्या उत्पन्न होती है। यदि लड़का और लड़की की नाड़ी एक ही है तो वे एक ही प्रकृति के हैं। आयुर्वेद के अनुसार, मानव शरीर की 3 प्रकृतियाँ होती हैं, वात, पित्त और कफ जो 3 प्रकार की नाड़ियों के बराबर हैं, अर्थात आदि, मध्य और अंत।
विवाह में सामंजस्य स्थापित करने के लिए हमें दोनों राशियों का विस्तृत विश्लेषण इस प्रकार करने की आवश्यकता है:
ऐसे में आप ज्यादा भ्रमित न हों, हमारे नाड़ी ज्योतिषियों से विस्तार से अपना नाड़ी ज्योतिष परामर्श निःशुल्क प्राप्त करें। अपनी समस्याओं के लिए आज ही सहायता और ज्योतिषीय उपाय प्राप्त करें।
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नाड़ी शास्त्र का उपयोग ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण करके किसी व्यक्ति की कुंडली को तैयार करने के लिए भी किया जाता है। एक नाड़ी ज्योतिषी इस जानकारी को प्राप्त करने के लिए आपका आसान माध्यम साबित हो सकता है इसलिए हम आपके लिए सबसे अच्छे ज्योतिषी लाए हैं जो आपको नाड़ी शास्त्र के माध्यम से आवश्यक जानकारी दे सकते हैं। तो खुश हो जाएं क्योंकि आपकी सभी समस्याओं का समाधान यहां होने वाला है। आज ही अपनी नाड़ी ज्योतिष रीडिंग और भविष्यवाणियां निःशुल्क प्राप्त करें।
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एक राशि में 150 नाड़ियां होती हैं; एक राशि 30 डिग्री की होती है। राशि चक्र के बारह राशियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है: चर, स्थिर और द्विस्वभाव।
अंगूठे का निशान आपकी नाड़ी को खोजने में मदद करता है। प्रत्येक अंगूठे के निशान के लिए 3-8 बंडल होते हैं।
वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए देखे जाने वाले अष्टकूट मिलान में से "नाड़ी" गुण मिलान बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह स्वास्थ्य अनुकूलता को इंगित करता है इसलिए कुंडली मिलान में अधिकतम 36 अंकों में से सबसे अधिक यानी कि 08 अंक नाड़ी को ही दिये गए हैं।
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